मेरे तरफ देखो बस तन्हा और तनहाई है…



कैसी ये बेवफाई, कैसी ये रुसवाई है,
मेरे तरफ देखो, बस तन्हा और तनहाई है,
ना अपने, अपने हो सके कभी,
देखे थे जो ख्वाब हम दोनों ने..
ना पूरे हुए, ना पूरे हो सकेंगे कभी.।
हम जुदा भी हुए ना जाने किस बात पर
ना उन्हे पता,ना मुझे पता चल सका कभी।
उनके दिए हर जख्म को दिल मे दफन कर..
आज भी महफिलों में हर वक्त मुस्कुराते हैं,पर
उनके जाने के बाद, खुल कर मुस्कुरा ना सके कभी।
पता तो मुझे भी है. to be continue
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